पीरियड्स ना होना या इर्रेग्यूलर पीरियड्स की वजह हो सकती है एस्ट्रोजन लेवल में कमी, लो-एस्ट्रोजेन लेवल के 4 लक्षण

एस्ट्रोजेन का उत्पादन आमतौर पर ओवरीज़ में होता है। इसके अलावा एड्रेनल ग्लैंड्स में भी एस्ट्रोजेन का निर्माण होता है। एस्ट्रोजेन हार्मोन्स महिलाओं में सेक्सुअल ग्रोथ में योगदान देता है। यह फीमेल सेक्स हार्मोन्स प्रोजेस्टेरोन (Progesterone)के साथ मिलकर महिलाओं में मेन्स्ट्रुएल साइकल और प्रजनन से जुड़ी प्रक्रियाओं को व्यवस्थित रखता है।
मेनोपाज़ से पहले महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन (Estrogen) हार्मोन्स का स्तर कम हो जाता है। आमतौर पर महिलाएं 40-45 वर्ष के बाद मेनोपॉज़ से गुज़रती हैं। तो वहीं, कुछ महिलाओं को 30 साल के बाद की उम्र में भी एस्ट्रोजेन की कमी के लक्षण दिखायी देते हैं। इसकी कई वजहें हो सकती हैं जैसे, थायरॉयड डिसॉर्डर, लो-बॉडी फैट, ओवेरियन सिस्ट और कैंसर ट्रीटमेट वगैरह।
एस्ट्रोजेन का उत्पादन आमतौर पर ओवरीज़ में होता है। इसके अलावा एड्रेनल ग्लैंड्स में भी एस्ट्रोजेन का निर्माण होता है। एस्ट्रोजेन हार्मोन्स महिलाओं में सेक्सुअल ग्रोथ में योगदान देता है। यह फीमेल सेक्स हार्मोन्स प्रोजेस्टेरोन (Progesterone)के साथ मिलकर महिलाओं में मेन्स्ट्रुएल साइकल और प्रजनन से जुड़ी प्रक्रियाओं को व्यवस्थित रखता है।
लो-एस्ट्रोजेन के लक्षण
पीरियड्स में कमी:
एस्ट्रोजेन पीरियड्स को सही रखते हैं । इसीलिए, एस्ट्रोजेन का लेवल कम होने के कारण पीरियड्स कम या देरी से आते हैं। पीरियड्स में बहुत अधिक गैप होने या अनियमित पीरियड्स लो-एस्ट्रोजेन लेवल का संकेत हो सकता है। दरअसल, एस्ट्रोजेन की वजह से यूटरीन लाइनिंग पतली हो जाती है। जिससे, सही तरीके से पीरियड्स नहीं हो पाते
लो-सेक्स ड्राइव:
महिलाओं में लो-सेक्स ड्राइव का एक बड़ा कारण है एस्ट्रोजेन लेवल की कमी। अगर, आपकी सेक्स ड्राइव लगातार कम हो रही है तो हो सकता है कि आपके एस्ट्रोजेन लेवल में कमी हो सकती है।
थकान (Fatigue):
जब, आपके एस्ट्रोजन लेवल सही नहीं रहते हैं, तो आपको बहुत अधिक थकान महसूस होती है।
हार्मोन्स का असंतुलन से फीमेल पैटर्न हेयर लॉस हो सकता है। इसीलिए, अचानक से आपके बाल झड़ने लगें। तो, आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। इस हेयर फॉल की वजह, लो-एस्ट्रोजन लेवल भी हो सकता है।